सपनो का एक अलग मुकाम होगा
तेरी ज़िंदगी मे नया आसमान होगा
कौन होगा जो जानबूझ कर रोएगा
ज़रूर कोई दर्द का निशान होगा
यूँ सुस्त रहने से मंज़िल नहीं मिलेगी
मेहनत और मशक्कत से ही नाम होगा
आज़ाद हूँ मैं और खुद पर भरोसा है
दूसरों के सहारे से क्या काम होगा
आज तेरे साथ शायद दुनिया खड़ी है
मतलब निकलने पर सब सुनसान होगा
वक़्त के साथ अपनी अक्ल को मिला ले
फिर हर वक़्त तेरे लिए वरदान होगा
जो भी समेटा है तूने सुख समझकर
इस नकली दुनिया मे सब कुछ नीलाम होगा
निकल अपने दायरे से अगर कुछ करना है
वरना तू हालातों का गुलाम होगा
खुद की ख़ैरियत का ख़याल रखते हो
जो दूसरे की सोचे वही इंसान होगा
मत सोच कि हिम्मत का क्या सिला होगा
एक दिन मेहनत का तुझे इनाम मिलेगा
इस शहर के नज़रिया बेरूख़ा है तो क्या
अपने नगर मे कोई नया जहाँ होगा
पैर और हाथों मे कोई ज़ंज़ीर नहीं बँधी
बस चलने से ही रास्ता आसान होगा
आवाम की खिदमत मे ज़िंदगी लुटा दे
कौन है जो फिर रुतबे से अंजान होगा