5 प्रमुख कारण जो हरियाणा के चुनावों में भाजपा की जीत का महत्त्व को बताते हैं

Bharatiya Janata Party

भाजपा ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करके इतिहास बनाया, जिसमें पार्टी ने 90 में से 48 सीटें जीतीं। इस जीत का एक प्रमुख कारक मुख्यमंत्री के रूप में नायब सिंह सैनी की नियुक्ति थी, साथ ही पार्टी की मजबूत मतदाता जोड़ने की रणनीतियों, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और विरोधियों के तर्क के साथ जवाब देने और प्रभावशाली चुनावी अभियान के साथ यह सत्ता पर लगातार तीसरी बार काबिज़ होने की कोशिश पूर्ण रूप से सफल हुई। कांग्रेस का चुनावी अभियान गुटबाजी, अंतरकलह, भाजपा के आरोपों का सही से काउंटर न करना और राहुल गाँधी के बचकाना बयान की भेंट चढ़ गया। यह विजय भाजपा के आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करेगी क्योंकि यह अन्य राज्यों जैसे झारखण्ड, महाराष्ट्र और दिल्ली के चुनावों में भाजपा के मनोबल को निश्चित रूप से बढ़ा रहा है। आइए जानते हैं कि किन 5 कारणों से भाजपा के लिए यह जीत बहुत महत्पूर्ण और विशेष है:

वोट शेयर और सीट शेयर में वृद्धि

सत्ता-विरोधी लहर के एक आधार के बावजूद, भाजपा ने अपने वोट शेयर और सीट की गिनती दोनों में सफलतापूर्वक बढ़ोतरी की है और लगभग सभी एग्जिट पोल्स में कांग्रेस की सरकार बनने का स्पष्ट अनुमान था। मगर भारतीय जनता पार्टी की मेहनत और रणनीति ने इन सभी कयासों को ध्वस्त करते हुए एक प्रचंड जीत हासिल की है। कई बागियों ने कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए सरदर्द का भी काम किया मगर भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति में कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को ये विश्वास दिलाने में सफल रही कि यदि फिर से हुड्डा राज आएगा तो भ्रष्टाचार अपने चरम पर होगा साथ ही साथ अगर हिन्दू समाज बटेगा तो इस से उसी की हानि होगी। राहुल गाँधी के आरक्षण ख़तम करने वाले बयान ने कांग्रेस की हार के ताबूत में आखिरी कील का काम किया। अपने मतदाता आधार का विस्तार करने की पार्टी की क्षमता उसकी रणनीतियों की सफलता को दर्शाती है। स्थानीय मुद्दों और समस्याओं को संबोधित करने पर भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सुचारू रूप से ध्यान दिलवाया और मतदाता को यह सुनिश्चित किया की केवल भाजपा ही उनके लिए एक सही विकल्प है।

महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावों से पहले ये जीत आत्मविश्वास बढ़ाएगी

हरियाणा में भाजपा की जीत पार्टी को और मजबूत और सक्रिय रखेगी क्योंकि इस जीत का आंशिक या अप्रत्यक्ष रूप से झारखण्ड, महाराष्ट्र और दिल्ली आगामी चुनावों में असर रहेगा। यह जीत पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं दोनों के लिए मनोबल बढ़ाने का काम करेगी, जो उनके आत्मविश्वास को मजबूत करती है ताकि आगामी चुनावों के लिए एक सकारात्मक सोच के साथ जमकर मेहनत और तैयारी कर सकें। हरियाणा में भाजपा की रणनीतिक योजना और कार्यों को प्रभावी रूप से लागू करने से उसे भविष्य की चुनावी लड़ाइयों के लिए अपनी विचारधारा और मुद्दों को जनता तक पहुंचाने में सहायता देगा।

कांग्रेस से डायरेक्ट फाइट से चुनाव जीतने का फायदा

चुनाव के परिणामों से पता चला कि भाजपा कांग्रेस को प्रत्यक्ष चुनाव में हराने में सक्षम थी, यहां तक कि उन निर्वाचन क्षेत्रों में भी जहां इसे बहुत अधिक विरोध का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने भाजपा के भीतर-विरोधी भावनाओं और आंतरिक बदलावों का लाभ उठाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन परिणाम से पता चला कि मतदाताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति वफादार रहा। ये परिणाम हरियाणा में अपनी सत्ता वापसी की विफल योजना और रणनीति को दिखता है। कांग्रेस को पूरी तरह से विश्वास था की सत्ता विरोधी लहार के कारन इस बार कांग्रेस सत्ता पर काबिज़ हो जाएगी। परन्तु कांग्रेस का अंदरूनी कलह जैसे कुमारी शैलजा का चुनावी अभियान में पूरी तरह से शामिल न होना उनका अपमान किया जाना, हुड्डा और कुमारी शैलजा का अपने अपने कैंप तक सीमित रहना, सुरजेवाला जैसे हारे हुए नेताओं को खुली छूट देना, जैसे कारणों से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।

लोकसभा चुनावों में आंशिक झटके के बाद एक मजबूती

यह जीत हाल ही में लोकसभा चुनावों में, मामूली झटके के बावजूद, भाजपा के मजबूत प्रदर्शन दिखाती है। जीत न केवल हरियाणा में पार्टी की स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर निरंतर समर्थन की व्यापक प्रवृत्ति का संकेत देती है।

लोकसभा और राज्य चुनाव दोनों के परिणामों से संकेत मिलता है कि भाजपा ने स्थानीय चुनावों को प्रभावित करने के लिए अपनी राष्ट्रीय योजनाओं और नीतियों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। यह निरंतरता पार्टी मनोबल को मजबूत करती है और और उनकी मजबूत स्थिति को बनाये रखने का काम करती है जिस से की उन्हें आगे अन्य राज्यों के चुनावों में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का अवसर मिले।

हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने वाली पहली पार्टी

भाजपा हरियाणा में लगातार तीन चुनावी जीत हासिल करने वाली पहली पार्टी बन गई, ये एक मील का पत्थर है जो राज्य में अपने राजनीतिक प्रभुत्व को रेखांकित करता है और भविष्य के मुकाबलों के लिए आपकी मजबूत स्थिति को दिखाता है। यह उपलब्धि पार्टी को कई विपरीत स्थितियों के बाद सत्ता बनाए रखने की क्षमता को दर्शाती है और साथ ही साथ सफलतापूर्वक सत्ता विरोधी भावनाओं का मुकाबला करती है।

चुनावों से कुछ महीने पहले मनोहर लाल खट्टर की जगह, एक महत्वपूर्ण पूर्व-चुनाव के फैसले यानि नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करना भाजपा की एक सफल रणनीत्ति का हिस्सा थी, इस से वह जो मतदाता के मन में सरकार के प्रति जो नाराज़गी थी उसको ख़तम करने में सफल हो गयी। मुख्यमंत्री के तौर पर नायब सिंह सैनी ने, विशेष रूप से गैर-जाट समुदायों के साथ जो हरियाणा में मतदाताओं का एक महत्वपूर्ण मतदाता ओबीसी और ऊपरी-जाति के प्रतिनिधित्व पर ध्यान केंद्रित करके अपनी जीत को सुनिश्चित किया। इस जीत से भाजपा ने न केवल अपने जनाधार को बनाए रखा, बल्कि नए मतदाताओं को भी आकर्षित किया।

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