दिलासा क्या दूँ दिल को
दिलासा क्या दूँ दिल को, ये भटक रहा है किसी और की सरपरस्ती में उछल
दिलासा क्या दूँ दिल को, ये भटक रहा है किसी और की सरपरस्ती में उछल
शरीर थक गया, वहम का आगोश है और लोग कहते हैं जिंदगी में जोश है