कुछ कच्चा पक्का लगता है
प्यार की हद नहीं है, तुम इतना समझ लो कि मैंने दिल से किया और
प्यार की हद नहीं है, तुम इतना समझ लो कि मैंने दिल से किया और
कद्र कोई करता नहीं इन गजलों की यारों सब खिल्ली उड़ाने का जरिया समझते हैं