बिखरे पन्ने… भाग -1
एक स्याह को तरसते वो कुछ कह नहीं पाए कुछ सुर्ख लाली लगने को थी
एक स्याह को तरसते वो कुछ कह नहीं पाए कुछ सुर्ख लाली लगने को थी
श्याम को उसके कंपनी के बॉस ने आज अल्टीमेटम दे दिया था, कि उसके पास
अक्सर मेरे और मेरी पत्नी के बीच इस बात पर बहस हो जाती है कि
पृथ्वी के बारे में बहुत से ऐसे तथ्य है जो शायद हम में से अधिकतर