तू कहती है कि मैं तेरा ख्वाब हूँ
तू कहती है कि मैं तेरा ख्वाब हूँ फिर क्यों तू मुझे हकीकत में नहीं
तू कहती है कि मैं तेरा ख्वाब हूँ फिर क्यों तू मुझे हकीकत में नहीं
प्रिय रत्नेश्वरी जी, भाग्यशाली है वो लोग जो अपने गाँव में रहते है। मेरी भी
एक स्याह को तरसते वो कुछ कह नहीं पाए कुछ सुर्ख लाली लगने को थी
श्याम को उसके कंपनी के बॉस ने आज अल्टीमेटम दे दिया था, कि उसके पास
अक्सर मेरे और मेरी पत्नी के बीच इस बात पर बहस हो जाती है कि