रंग – ए – रुख्सार
ये राहें अंजान नहीं है यूँ ही मै इसमें नजर बंद करके चलना चाहता हूँ
ये राहें अंजान नहीं है यूँ ही मै इसमें नजर बंद करके चलना चाहता हूँ
बदले है घर के परिवेश बढ़ रहे हर जगह है क्लेश हो रहा है क्यों
सरकार की तरफ से किसानों को लिखित गारंटी देने का भरोसा दिया गया है कि
चल उस जगह जहाँ सपनो को आकार मिले यूँ घुटे हुए अरमानो को आवाज़ मिले
गौर भी करें तो किस किस पर करें सब यहां मगन हैं अपने ही हाल
छोटे शहरों, गाँवो और कस्बों से आए हुए लोग… न जाने कितने अरमानो का भारी
मोतिहारी जिले का एक मनोरम गाँव “सिरौना” जिसका अपना एक इतिहास है। कभी इतिहास के
सूखे हुए उजाले अब अँधेरे हो गए दीवारों पर रेंगती हुई ज़िंदगी की खातिर कुछ